Saturday, August 04, 2012

तुम आओ मिलो बैठो हसो तो अचछा लगता है

मुश्किलें आसान यूँ ही नहीं हो जाती हैं

किताबें खुद ब खुद हर्फे बयान नहीं हो जाती हैं



समंदर कश्तियों के कारोबार से बेखबर है 

ये तो लहरें हैं जो टकरा के भी नहीं खो जाती हैं



तुम आओ मिलो बैठो हसो तो अचछा लगता है

तुम सदियों ना मिलो तो भी चाहतें नहीं सो जाती हैं

No comments :

Post a Comment

Thanks for visiting and commenting.

badge buzzoole code