वो अकेले खड़ी थी गुमसुम सबके बीच
१३ बरस की मासूम लड़की
माँ बाप भाई बहन सबके होते हुए भी
अनाथ सी
बाप रिक्शा खींचने की जगह दारू में लिप्त
माँ लोगों के घरों में काम करते करते घिसती हुई
बड़ी बहन जाने कहाँ दुनिया में खोते हुए
घर में रहते हुए भी घर से दूर होते हुए
बड़ा भाई घर को छोड़ दोस्तों को अपनाता हुआ
सबके होते हुए भी वो अनाथ सी
रात उसके बाप ने उसकी कीमत लगा दी
शहर के एक अमीर बदनाम आदमी को
अपनी छोटी मासूम बच्ची बेच दी
आज उसी के घर में उसकी शादी है
उस अमीर बूढ़े शख्स के साथ
सब तो हैं उसके आस पास
फिर भी वो अनाथ है
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