अगर ऐसा नहीं होता
तो मुझे उस एक पल में
संपूर्ण जीवन का कैसे एहसास होता?
और वो एक पल बाकी जीवन को
जीवनमय रहने को प्रेरित करने के लिए
ज्यों काफी हो गया।
उस एक पल के लिए तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में देना।
बस उतना ही काफी होता है शायद!
अब भी मैं अक्सर सोचता हूं
अगर ऐसा नहीं होता तो मुझे ये जीवन मंत्र कैसे मिलता?