ज़िन्दगी,
तू कितने मायने बदलती है
तू कितने चेहरे बदलती है
कभी बारिश से पहले की आग
कभी बारिश के बाद की उमस
इतनी लकीरों पर
एक साथ कैसे फिसलती है
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ए ज़िन्दगी
एक बार तो मुझे आगोश में ले
एक बार तो मेरे चेहरे को सहला
एक बार तो मेरी आँखें पोंछ
और मुझे समझा तो सही
मुझे बारिश बनना हो
तो क्या करना होगा?
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तू कितने मायने बदलती है
तू कितने चेहरे बदलती है
कभी बारिश से पहले की आग
कभी बारिश के बाद की उमस
इतनी लकीरों पर
एक साथ कैसे फिसलती है
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ए ज़िन्दगी
एक बार तो मुझे आगोश में ले
एक बार तो मेरे चेहरे को सहला
एक बार तो मेरी आँखें पोंछ
और मुझे समझा तो सही
मुझे बारिश बनना हो
तो क्या करना होगा?
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