खरीदार बहुत हैं, सोचिए मत, दाम उछलने में देर नहीं लगेगी, हर बोली लगाने वाला चेहरा नकाब के पीछे है, पहचान नहीं पाओगे जिंदगी भर, कौन सबसे ऊंचे दाम में उठा गया, और, कौन छाती में छुरा घौंप गया।
आईना मत देखना इस खेल के बाद, डर जाओगे, अगर अभी तक मरे नहीं, तो मर जाओगे, डर से।
तुम्हारा सच, तुम्हारी कीमत, तुम्हारी छाती,
तुम्हारा खंजर, तुम्हारे हाथ, तुम्हारा खून,
तुम्हारी ही लाश।
अकेले ही थे तुम, इस पूरे खेल में,
शुरू से आखिर तक।
बाकी सब तमाशबीनों का हुजूम था।