Monday, June 21, 2021

दो सवाल - हिन्दी लघु कविता #hindipoetry #poetry #हिन्दी #कविता #hindi

जब हवा चली, 
तुमने तभी महसूसा उसकी गन्ध को।
मग़र, 
इसका ये तो नहीं मतलब, 
कि, 
उसके पहले फूल गंधहीन, 
या फिर, 
अपरिपक्व थे? 

तुमने बताया था, 
नदी, 
सागर में विलीन होकर, 
तृप्त हो जाती है। 
ये तो हुई समागम स्थल की बात।
इससे पहले से लेकर, 
उद्गम स्थल तक, 
उसे अतृप्त, आतुर ही पाओगे। 
तो अंत कहाँ हुआ? 
तुम ही बताओ। 

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Photo credit: NathalieSt on VisualHunt

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